हुस्न के सौ रूप देखे, coral reef तक देखा,
सरहद के दो पार देखा, ये नूर कब देखा
telescope से देखा, microscope में देखा
kaleidoscope भी देखा, पर ये हूर न देखा
की सपनो में देखा, की नजरों से तौला
बारिश में खोजा, सुबह की धूप में भीगा
किस्से सुने कई, हकीकत भी देखे
कई बार समझा, की ये वो परी है,
की उससे मिलो जब, वो सुहानी घरी है
की इससे तो बेहतर, ना होगा कभी अब,
की इससे तो स्वप्निल, कोई था कहाँ कब,
पर देखा तुम्हे जब, वो एहसास बिखरे
की छा से रहे अब, नए अरमान सुनहरे
कहूँ क्या अभी मैं, नशा छा रहा सा
तुम्हे देख कर अब, होश खो सा रहा सा
बड़ी ठहरी जालिम, वो तस्वीर तुम्हारी
मुस्कुराते हुए ही, इसने एक दिल तोर डाली
तस्वीर का ही आलम, जब ऐसा कहर है,
घुला जा रहा सा, मेरे दिल में जहर है
ना जाने की कैसी, क़यामत सी होगी
मेरे सामने तुम, इबादत सी होगी
नहीं जानता मैं, अगर कोई दवा है
बचा ले मुझे तब, कोई वैसी दुआ है
ये दिल खो चुका है, अब मैं खो ना जाऊ
तुम्ही बता दो, खुद को कैसे बचाऊ
अगर बच गया तो, ना जाने कैसे रहूँगा
अगर ना मिली तुम, ना जाने क्या करूँगा
इसीलिए अब सुन लो, तुम्हे मैं बता दूँ
ग़लतफ़हमी सी ना हो, दुबारा सुना दूँ
इस खुबसूरत बला से, कहर तुमने ढाए
तो इस मर्ज की अब, दवा दो बताये
इतने पास आ कर, अब और ना सताओ
खवाबो में छा कर, अब दूर ना हो जाओ
ना काबिल हूँ इतना, पर जितना भी ठहरा
उसी से सजाऊ, मैं घर एक सुनहरा
हरियाली भी होगी, दिवाली भी होगी
वहां पे तो हर तरफ, ठिठोली भी होगी
पर अगर तुम ना होगी, तो होगा अँधेरा
बिना तेरे वो फिर, होगा एक रैन बसेरा
अतः अब तुम्हे मैं, वहां पे बुलाऊ
तुम्हे ले चल वहां की, रानी बनाऊ
मना कर ना देना, चाहे कुछ भी सजा दो
वहां चलने की अब, मुझे तुम रजा दो
अब और क्या लिखूं मैं, बस इतना समझ लो
ये दिल है जल रहा सा, तुम बादल सी बरस लो |
बारिश में खोजा, सुबह की धूप में भीगा
किस्से सुने कई, हकीकत भी देखे
कई बार समझा, की ये वो परी है,
की उससे मिलो जब, वो सुहानी घरी है
की इससे तो बेहतर, ना होगा कभी अब,
की इससे तो स्वप्निल, कोई था कहाँ कब,
पर देखा तुम्हे जब, वो एहसास बिखरे
की छा से रहे अब, नए अरमान सुनहरे
कहूँ क्या अभी मैं, नशा छा रहा सा
तुम्हे देख कर अब, होश खो सा रहा सा
बड़ी ठहरी जालिम, वो तस्वीर तुम्हारी
मुस्कुराते हुए ही, इसने एक दिल तोर डाली
तस्वीर का ही आलम, जब ऐसा कहर है,
घुला जा रहा सा, मेरे दिल में जहर है
ना जाने की कैसी, क़यामत सी होगी
मेरे सामने तुम, इबादत सी होगी
नहीं जानता मैं, अगर कोई दवा है
बचा ले मुझे तब, कोई वैसी दुआ है
ये दिल खो चुका है, अब मैं खो ना जाऊ
तुम्ही बता दो, खुद को कैसे बचाऊ
अगर बच गया तो, ना जाने कैसे रहूँगा
अगर ना मिली तुम, ना जाने क्या करूँगा
इसीलिए अब सुन लो, तुम्हे मैं बता दूँ
ग़लतफ़हमी सी ना हो, दुबारा सुना दूँ
इस खुबसूरत बला से, कहर तुमने ढाए
तो इस मर्ज की अब, दवा दो बताये
इतने पास आ कर, अब और ना सताओ
खवाबो में छा कर, अब दूर ना हो जाओ
ना काबिल हूँ इतना, पर जितना भी ठहरा
उसी से सजाऊ, मैं घर एक सुनहरा
हरियाली भी होगी, दिवाली भी होगी
वहां पे तो हर तरफ, ठिठोली भी होगी
पर अगर तुम ना होगी, तो होगा अँधेरा
बिना तेरे वो फिर, होगा एक रैन बसेरा
अतः अब तुम्हे मैं, वहां पे बुलाऊ
तुम्हे ले चल वहां की, रानी बनाऊ
मना कर ना देना, चाहे कुछ भी सजा दो
वहां चलने की अब, मुझे तुम रजा दो
अब और क्या लिखूं मैं, बस इतना समझ लो
ये दिल है जल रहा सा, तुम बादल सी बरस लो |
No comments:
Post a Comment